Detailed Notes on bhairav kavach
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गद्यपद्यमयी वाणी गङ्गानिर्झरिता तथा ॥ १४॥
महाकालोऽक्षेत्रं श्रियं मे सर्वतो गिरा।
ಮಂತ್ರೇಣ ಮ್ರಿಯತೇ ಯೋಗೀ ಕವಚಂ ಯನ್ನ ರಕ್ಷಿತಃ
नैव सिद्धिर्भवेत्तस्य विघ्नस्तस्य पदे पदे । आदौ वर्म पठित्वा तु तस्य सिद्धिर्भविष्यति ।।
प्राणत्यागं करिष्यामि यदि नो कथयिष्यसि ।
पाणी कपाली मे पातु मुण्डमालाधरो हृदम्
विद्यार्थियों को परीक्षा में निश्चित ही सफलता मिलती है।
दीप्ताकारं विशदवदनं सुप्रसन्नं त्रिनेत्रं
सर्वदा पातु ह्रीं बीजं बाह्वोर्युगलमेव च ॥
हाकिनी पुत्रकः पातु दारास्तु लाकिनी सुतः ॥
षडंगासहिथो देवो नित्यं रक्षातु भैरवह
आप नोकरी करते हो, व्यापार करते हो या किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, आईएस, आईपीएस, सिविल सर्विसेज आदि जैसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, तो आपको अवश्य ही अपराजिता स्तोत्र और बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ करके जाना चाहियें, इसके पाठ से समस्त भय दूर होता है, और आपको निश्चित ही पूर्ण सफलता मिलती check here है।